देवकी और वासुदेव के आठवे पुत्र होकर रोहिणी नक्षत्र में जन्मे इस बालक को देखकर कौन कह सकता था की वो इतना प्रभावशाली व्यक्तिव वाला होगा की युगों युगों तक हर लोक में उसी के चर्चे होंगे । कृष्णा सिर्फ एक नाम ,एक भगवान् , एक चरित्र , एक कहानी , एक राजा , एक प्रेमी , एक गुरु नही बल्कि पूरा ब्रह्माण्ड है।
उनके बारे में लिखना बहुत मुश्किल है।
उनकी कुछ बाते जो मुझे बहुत अच्छी लगती है वो है ,
1 - कृष्णा समझने नहीं , अनुभव के लिए है ,कृष्णा को समझना नामुमकिन है , एक बार तो वे अर्जुन से लड़ लिए थे जिसे सच मान कर शिव जी उन्हें रोकने आये तो उन्होंने बताया की ये भी अर्जुन की एक परीक्षा है।
2 - ये भी उनकी ही लीला है की महाभारत और गीता जैसे शास्त्रों में एक बार भी राधा जी का नाम नहीं आया लेकिन कृष्णा के साथ
हमेशा उनका नाम लिया जाता है , भारत के अमूमन गावँ और कुछ शहरो में अब तक लोग हेल्लो या नमस्ते की जगह "राधे कृष्णा" कहते है।
3 - जब संदीपनी गुरु ने अपने शिष्य कृष्णा से गुरु दक्षिणा में उनके पुत्र को ज़िंदा करने का कहा , तो कृष्णा ने वो भी कर दिया।
कृष्णा ने जब बचपन जिया तो ऐसा की आज भी छोटे बच्चे को हम कान्हा कहकर बुलाते है , जवानी जी तो ऐसी की जब किसी प्रेम में पड़े प्रेमी को देखते है तो कहते है बड़ा कन्हिया बना फिरता है , प्रेम किया तो ऐसा की 16108 गोपियों में से किसी एक को भी अधूरा महसूस नहीं हुआ , युद्ध किया ( करवाया ) तो ऐसा 5 लोगो को अनंत सेना के सामने जीता दिया और ज्ञान दिया तो गीता जैसा जो आज भी और कालकालान्तार तक हर मनुष्य की हर परिस्थिति में साथ देने में समर्थ है।
कृष्णा से इस पृथ्वी के हर मनुष्य का अपना एक रिश्ता है , कोई उन्हें अपना गुरु मानता है , कोई मित्र , कोई पिता ,कोई ईश्वर तो कुछ महिलाएँ तो रक्षाबंधन पे लडू गोपाल कहकर उन्हें राखी भी बाँधती है , लेकिन एक बात हर मनुष्य में समान है वो ये की हम सब में एक समानमात्रा में कृष्णा स्थित है जो उस मात्रा को बढ़ाएगा वो सफलता पायेगा और सिर्फ भौतिकवाद में ही नहीं आध्यात्मिक जीवन में भी आगे बढेगा । कल जन्माष्टमी है , कृष्णा का जन्मदिन आइये हम इस दिन संकल्प करे की प्रतिदिन कोई एक कृत्य ऐसा करेंगे जो ये प्रमाण दे की हमारे अंदर कृष्णा स्थित है।
आप सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाये।
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा ।
धन्यवाद
तनोज दाधीच
परिशिष्ट भाग / पोस्टस्क्रिप्ट - ये ऊपर की बाते तो ठीक है लेक़ीन अगर सिर्फ कोई एक मनुष्य 16108 गोपियों को अकेला संभाल
सकता है तो उसे मेरा तो नमन है :)
उनके बारे में लिखना बहुत मुश्किल है।
उनकी कुछ बाते जो मुझे बहुत अच्छी लगती है वो है ,
1 - कृष्णा समझने नहीं , अनुभव के लिए है ,कृष्णा को समझना नामुमकिन है , एक बार तो वे अर्जुन से लड़ लिए थे जिसे सच मान कर शिव जी उन्हें रोकने आये तो उन्होंने बताया की ये भी अर्जुन की एक परीक्षा है।
2 - ये भी उनकी ही लीला है की महाभारत और गीता जैसे शास्त्रों में एक बार भी राधा जी का नाम नहीं आया लेकिन कृष्णा के साथ
हमेशा उनका नाम लिया जाता है , भारत के अमूमन गावँ और कुछ शहरो में अब तक लोग हेल्लो या नमस्ते की जगह "राधे कृष्णा" कहते है।
3 - जब संदीपनी गुरु ने अपने शिष्य कृष्णा से गुरु दक्षिणा में उनके पुत्र को ज़िंदा करने का कहा , तो कृष्णा ने वो भी कर दिया।
कृष्णा ने जब बचपन जिया तो ऐसा की आज भी छोटे बच्चे को हम कान्हा कहकर बुलाते है , जवानी जी तो ऐसी की जब किसी प्रेम में पड़े प्रेमी को देखते है तो कहते है बड़ा कन्हिया बना फिरता है , प्रेम किया तो ऐसा की 16108 गोपियों में से किसी एक को भी अधूरा महसूस नहीं हुआ , युद्ध किया ( करवाया ) तो ऐसा 5 लोगो को अनंत सेना के सामने जीता दिया और ज्ञान दिया तो गीता जैसा जो आज भी और कालकालान्तार तक हर मनुष्य की हर परिस्थिति में साथ देने में समर्थ है।
कृष्णा से इस पृथ्वी के हर मनुष्य का अपना एक रिश्ता है , कोई उन्हें अपना गुरु मानता है , कोई मित्र , कोई पिता ,कोई ईश्वर तो कुछ महिलाएँ तो रक्षाबंधन पे लडू गोपाल कहकर उन्हें राखी भी बाँधती है , लेकिन एक बात हर मनुष्य में समान है वो ये की हम सब में एक समानमात्रा में कृष्णा स्थित है जो उस मात्रा को बढ़ाएगा वो सफलता पायेगा और सिर्फ भौतिकवाद में ही नहीं आध्यात्मिक जीवन में भी आगे बढेगा । कल जन्माष्टमी है , कृष्णा का जन्मदिन आइये हम इस दिन संकल्प करे की प्रतिदिन कोई एक कृत्य ऐसा करेंगे जो ये प्रमाण दे की हमारे अंदर कृष्णा स्थित है।
आप सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाये।
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा ।
धन्यवाद
तनोज दाधीच
परिशिष्ट भाग / पोस्टस्क्रिप्ट - ये ऊपर की बाते तो ठीक है लेक़ीन अगर सिर्फ कोई एक मनुष्य 16108 गोपियों को अकेला संभाल
सकता है तो उसे मेरा तो नमन है :)
Tough topic presented with simplicity
ReplyDeletegreat insight into krishna !
ReplyDeleteKeep writing such good stuff regularly ....
Thank you sir :)
DeleteThank you sir :)
Deletegreat insight into krishna !
ReplyDeleteKeep writing such good stuff regularly ....
Whatever you read about "Krishna" is always less.... Always Inspirational in any situation
ReplyDeleteindeed
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