मौत एक ऐसा सच है जिसे कोई नहीं ठुकरा सकता ,
विज्ञानं कितनी ही तरक्की कर ले , ज्योतिष कितना ही बड़ा बन जाये , मौत जब आनी है आएगी ही ,
उसे कोई नहीं रोक सकता
जिससे आपने कल ही बात की हो और आज वो ना रहे तो आपको बहुत गहरी चोट लगेगी ,
हर इंसान की मौत सिर्फ मौत नहीं बल्कि ज़िंदा लोगो के लिए एक तमाचा है , इशारे नहीं समझता इंसान इसलिए तमाचा है ,
की कर लो जो करने आये हो , जी लो , किसी की मदद कर दो , किसी ने धोका दिया तो उसको माफ़ कर दो, किसी के साथ गलत किया तो उससे माफ़ी मांग लो , किसी से कुछ कहना है तो कह दो , मौत किसी भी वक़्त आएगी और एक पल भी और नहीं देगी ,
आप अपने माता पिता , भाई बेहेन , पति पत्नी दोस्त से आखरी अलविदा भी नहीं कह सकेंगे ,
किसी 2 साल के बच्चे की ,22 साल के जवान की , या 80 साल के बूढ़े की मौत अलग अलग नहीं ,मौत तो एक जैसी है ,
दुःख करना , रोना धोना , याद करना जो मर गया उसको सब गलत है ,
ब्रह्माण्ड का सिर्फ एक तमाचा है की जिस अर्थी पर वो लेटा है कल तुम होगे , या आज होगे , या अभी होगे ,
एक दिन सबको मारना है , वो दिन आज भी हो सकता है ,
कैसे इंसान पैसा , जाती , समाज , नाम , शौहरत , कमाने में इतना मशगूल हो सकता है की वो ये ना जाने की मौत हर वक़्त उसके करीब
आ रही है , दिल दुखता है ये सब लिखने में लेकिन जब कोई पहचान वाला मौत का शिकार बने तो सारा का सारा अहंकार मिट्टी में मिल जाता है
और मन करता है सच लिखने का ,
दोस्तों में ,आप, हम सब एक रोज़ मरने ही वाले है , वो दिन कभी भी आ सकता है , आज भी , अभी इस पल भी ,
कुछ तो ऐसा करे जिससे हमारी आत्मा को सुकून मिले , क्यों किसी से लड़ना, क्यों अहंकार , क्यों आखिर क्यों सब यही रह जायेगा
मोक्ष की प्राप्ति मरने से नहीं होती , एक शरीर से निकल कर दूसरे में जाना है ,
ये इंसान बना कर ईश्वर ने आप पे कृपा करी है इस जन्म का पूरा उपयोग करे अपनी मोक्ष तक की यात्रा में आगे बढ़ने के लिए ,
खुद को जाने , खुद को पहचाने , ईश्वर को आप अपने आप जान जाएंगे ,
मौत और जन्म हमारे बस में नहीं , लेकिन उसके बीच का जो समय मिला है वो हमारे बस में है , उसमे कुछ सार्थक , कुछ धार्मिक , कुछ आध्यात्मिक करे तो हम खुद की आत्मा को परमात्मा के एक कदम और करीब ले जाने में सफल होंगे,
हर पल मौत आपकी तरफ दौड़ रही है और मज़े की बात ये है की आप भी उसकी तरफ दौड़ रहे हो
किसी भी वक़्त आपकी आत्मा आपके शरीर को छोड़ सकती है ,
कोई भरोसा नहीं ज़िन्दगी का ...........
- तनोज दाधीच
विज्ञानं कितनी ही तरक्की कर ले , ज्योतिष कितना ही बड़ा बन जाये , मौत जब आनी है आएगी ही ,
उसे कोई नहीं रोक सकता
जिससे आपने कल ही बात की हो और आज वो ना रहे तो आपको बहुत गहरी चोट लगेगी ,
हर इंसान की मौत सिर्फ मौत नहीं बल्कि ज़िंदा लोगो के लिए एक तमाचा है , इशारे नहीं समझता इंसान इसलिए तमाचा है ,
की कर लो जो करने आये हो , जी लो , किसी की मदद कर दो , किसी ने धोका दिया तो उसको माफ़ कर दो, किसी के साथ गलत किया तो उससे माफ़ी मांग लो , किसी से कुछ कहना है तो कह दो , मौत किसी भी वक़्त आएगी और एक पल भी और नहीं देगी ,
आप अपने माता पिता , भाई बेहेन , पति पत्नी दोस्त से आखरी अलविदा भी नहीं कह सकेंगे ,
किसी 2 साल के बच्चे की ,22 साल के जवान की , या 80 साल के बूढ़े की मौत अलग अलग नहीं ,मौत तो एक जैसी है ,
दुःख करना , रोना धोना , याद करना जो मर गया उसको सब गलत है ,
ब्रह्माण्ड का सिर्फ एक तमाचा है की जिस अर्थी पर वो लेटा है कल तुम होगे , या आज होगे , या अभी होगे ,
एक दिन सबको मारना है , वो दिन आज भी हो सकता है ,
कैसे इंसान पैसा , जाती , समाज , नाम , शौहरत , कमाने में इतना मशगूल हो सकता है की वो ये ना जाने की मौत हर वक़्त उसके करीब
आ रही है , दिल दुखता है ये सब लिखने में लेकिन जब कोई पहचान वाला मौत का शिकार बने तो सारा का सारा अहंकार मिट्टी में मिल जाता है
और मन करता है सच लिखने का ,
दोस्तों में ,आप, हम सब एक रोज़ मरने ही वाले है , वो दिन कभी भी आ सकता है , आज भी , अभी इस पल भी ,
कुछ तो ऐसा करे जिससे हमारी आत्मा को सुकून मिले , क्यों किसी से लड़ना, क्यों अहंकार , क्यों आखिर क्यों सब यही रह जायेगा
मोक्ष की प्राप्ति मरने से नहीं होती , एक शरीर से निकल कर दूसरे में जाना है ,
ये इंसान बना कर ईश्वर ने आप पे कृपा करी है इस जन्म का पूरा उपयोग करे अपनी मोक्ष तक की यात्रा में आगे बढ़ने के लिए ,
खुद को जाने , खुद को पहचाने , ईश्वर को आप अपने आप जान जाएंगे ,
मौत और जन्म हमारे बस में नहीं , लेकिन उसके बीच का जो समय मिला है वो हमारे बस में है , उसमे कुछ सार्थक , कुछ धार्मिक , कुछ आध्यात्मिक करे तो हम खुद की आत्मा को परमात्मा के एक कदम और करीब ले जाने में सफल होंगे,
हर पल मौत आपकी तरफ दौड़ रही है और मज़े की बात ये है की आप भी उसकी तरफ दौड़ रहे हो
किसी भी वक़्त आपकी आत्मा आपके शरीर को छोड़ सकती है ,
कोई भरोसा नहीं ज़िन्दगी का ...........
- तनोज दाधीच
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